जिला जनसंपर्क कार्यालय भिण्ड म.प्र.
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समाचार
असंगठित श्रमिको के लिए ऐतिहासिक योजनाऐं-कलेक्टर
शहरी, ग्रामीण क्षेत्र में श्रमिको का पंजीयन प्रारंभ
विशेष अभियान 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक
भिण्ड 22 मार्च, 2018/ राज्य सरकार द्वारा असंगठित श्रमिको के लिए ऐतिहासिक योजनाऐं प्रारंभ की है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिको का पंजीयन आज से प्रारंभ कर दिया गया है। इस दिशा में विशेष अभियान 1 अप्रैल से 7 अप्रैल 2018 तक कराया जावेगा। इसलिए जिले के असंगठित श्रमिक योजनाओं में लाभ लेने के लिए पंजीयन अवश्य करावे। इस आशय के दिशा निर्देश कलेक्टर डाॅ इलैया राजा टी द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए गए है।
कलेक्टर डाॅ इलैया राजा टी द्वारा जारी निर्देशों में कहा है कि जिले के असंगठित श्रमिको के लिए संचालित योजनाओं के अन्तर्गत पंजीयन कृषि मजदूर, लघु कृषक (ढाई एकड के तक के भू-स्वामी), घरेलू श्रमिक, फेरी लगाने वाले दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोडने वाले, पक्की ईट बनाने वाले, गोदामो में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथ करघा, पावरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमडे की बस्तुऐं और जूते बनाने वाले चर्मकार, आॅटो-रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल, तथा चावल मिलो में काम करने वाले, लकडी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले, कारीगर, लुहार, बढई फर्नीचर, तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेंसी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाई कर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृहउद्योग में नियोजित श्रमिक को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी।
राज्य सरकार के माध्यम से श्रमिको को 200 रूपए मासिक फ्लेट रेट पर बिजली, गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिए 4 हजार रूपए, प्रस्रव होने पर महिला के खाते में 12500 रूपए जमा किए जाएंगे। घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2
लाख तथा दुघर्टना में मृत्यु पर 4 लाख रूपए की सहायता, हर भूमिहीन श्रमिक को भू-खण्ड या मकान, स्वरोजगार के लिए ऋण, साइकिल-रिक्शा चालक चलाने वालो को ई-रिक्शा और हाथ ठेला चलाने वाले ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल, बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ, 30 हजार रूपए की सब्सिसिडी दी जाएगी। श्रमिक को मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए पंचायत/नगरीय निकाय से 5 हजार रूपए की नगद सहायता, श्रमिको के कल्याण की और भी अनेक योजनाऐं संचालित की जा रही है। जिनसे श्रमिक पंजीयन की सुविधा प्राप्त कर लाभ उठा सकते है।
कलेक्टर ने शहरी क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए है कि श्रमिको के पंजीयन कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें। साथ ही जिले के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पंजीयन कार्य पर सतत निगरानी रखे। कलेक्टर ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिको का पंजीयन समय सीमा में होना चाहिए। इस दिशा में विभागीय अधिकारी अपने अमले का समुचित प्रयोग करें।
कलेक्टर ने जिले के शहरी एवं ग्रामीण अंचल में निवासरत असंगठित श्रमिको के लिए ऐतिहासिक योजनाओं में पंजीयन कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक असुरक्षा से झूझते असंगठित श्रमिक बहन-भाईयों की बेहतरी के लिए योजनाऐं संचालित की जा रही है। जिनका पंजीयन कराकर लाभ लिया जावे। पंजीयन के उपरांत श्रमिको के आर्थिक विकास के साथ ही सामाजिक बेहतरी, श्रमिको के बच्चों को बेहतर शिक्षा तथा अन्य सुविधाऐं देने के लिए योजनाओं पर प्रभावी अमल विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कराया जावेगा। इसलिए शहरी क्षेत्र के श्रमिक नगरीय निकाय में एवं ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक ग्राम पंचायत में पंजीयन कराकर योजनाओं से लाभ अवश्य उठावे।
क्रमांक 95/2018
समाचार
असंगठित श्रमिको के लिए ऐतिहासिक योजनाऐं-कलेक्टर
शहरी, ग्रामीण क्षेत्र में श्रमिको का पंजीयन प्रारंभ
विशेष अभियान 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक
भिण्ड 22 मार्च, 2018/ राज्य सरकार द्वारा असंगठित श्रमिको के लिए ऐतिहासिक योजनाऐं प्रारंभ की है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिको का पंजीयन आज से प्रारंभ कर दिया गया है। इस दिशा में विशेष अभियान 1 अप्रैल से 7 अप्रैल 2018 तक कराया जावेगा। इसलिए जिले के असंगठित श्रमिक योजनाओं में लाभ लेने के लिए पंजीयन अवश्य करावे। इस आशय के दिशा निर्देश कलेक्टर डाॅ इलैया राजा टी द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए गए है।
कलेक्टर डाॅ इलैया राजा टी द्वारा जारी निर्देशों में कहा है कि जिले के असंगठित श्रमिको के लिए संचालित योजनाओं के अन्तर्गत पंजीयन कृषि मजदूर, लघु कृषक (ढाई एकड के तक के भू-स्वामी), घरेलू श्रमिक, फेरी लगाने वाले दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोडने वाले, पक्की ईट बनाने वाले, गोदामो में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथ करघा, पावरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमडे की बस्तुऐं और जूते बनाने वाले चर्मकार, आॅटो-रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल, तथा चावल मिलो में काम करने वाले, लकडी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले, कारीगर, लुहार, बढई फर्नीचर, तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेंसी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाई कर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृहउद्योग में नियोजित श्रमिक को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी।
राज्य सरकार के माध्यम से श्रमिको को 200 रूपए मासिक फ्लेट रेट पर बिजली, गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिए 4 हजार रूपए, प्रस्रव होने पर महिला के खाते में 12500 रूपए जमा किए जाएंगे। घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2
लाख तथा दुघर्टना में मृत्यु पर 4 लाख रूपए की सहायता, हर भूमिहीन श्रमिक को भू-खण्ड या मकान, स्वरोजगार के लिए ऋण, साइकिल-रिक्शा चालक चलाने वालो को ई-रिक्शा और हाथ ठेला चलाने वाले ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल, बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ, 30 हजार रूपए की सब्सिसिडी दी जाएगी। श्रमिक को मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए पंचायत/नगरीय निकाय से 5 हजार रूपए की नगद सहायता, श्रमिको के कल्याण की और भी अनेक योजनाऐं संचालित की जा रही है। जिनसे श्रमिक पंजीयन की सुविधा प्राप्त कर लाभ उठा सकते है।
कलेक्टर ने शहरी क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए है कि श्रमिको के पंजीयन कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें। साथ ही जिले के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पंजीयन कार्य पर सतत निगरानी रखे। कलेक्टर ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिको का पंजीयन समय सीमा में होना चाहिए। इस दिशा में विभागीय अधिकारी अपने अमले का समुचित प्रयोग करें।
कलेक्टर ने जिले के शहरी एवं ग्रामीण अंचल में निवासरत असंगठित श्रमिको के लिए ऐतिहासिक योजनाओं में पंजीयन कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आर्थिक असुरक्षा से झूझते असंगठित श्रमिक बहन-भाईयों की बेहतरी के लिए योजनाऐं संचालित की जा रही है। जिनका पंजीयन कराकर लाभ लिया जावे। पंजीयन के उपरांत श्रमिको के आर्थिक विकास के साथ ही सामाजिक बेहतरी, श्रमिको के बच्चों को बेहतर शिक्षा तथा अन्य सुविधाऐं देने के लिए योजनाओं पर प्रभावी अमल विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कराया जावेगा। इसलिए शहरी क्षेत्र के श्रमिक नगरीय निकाय में एवं ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक ग्राम पंचायत में पंजीयन कराकर योजनाओं से लाभ अवश्य उठावे।
क्रमांक 95/2018
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