जिला जल अभावग्रस्त घोषित
जिला जल अभावग्रस्त घोषित
भिण्ड 22 मार्च 2018/ कलेक्टर डाॅ इलैया राजा टी द्वारा जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के अंतर्गत आने वाले सम्पूर्ण शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 22 मार्च 2018 से 15 जून 2018 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
जारी आदेश में कहा है कि भिण्ड जिले में वर्ष 2017 में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण ग्रीष्म ऋतु में संपूर्ण जिले में जल संकट संभावित है। भू-जल स्तर में निरंतर गिरावट के कारण नलकूपों में पानी कम होता जा रहा है। जिले में अधिकांश स्थानों पर जगह-जगह बड़ी संख्या में व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा निजी नलकूप खनन किये जा रहे है। अनियंत्रित नलकूप खनन के कारण सार्वजनिक जल स्त्रोतों एवं नलकूपों से जल प्रदाय में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है तथा पेयजल की समस्या की स्थिति निर्मित हो रही है।
इसलिए कोई भी व्यक्ति कलेक्टर अथवा प्राधिकृत संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की लिखित अनुज्ञा के बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप खनन नहीं करेगा। साथ ही आदेश जारी होने के दिनांक से जल अभावग्रस्त क्षेत्र में म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 के समस्त अन्य प्रावधान लागू हो जायेंगे। इन प्रावधानों के उल्लंघन पर से दो वर्ष तक के कारावास या रूपये दो हजार तक के जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा।
क्रमांक 101/2018
भिण्ड 22 मार्च 2018/ कलेक्टर डाॅ इलैया राजा टी द्वारा जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के अंतर्गत आने वाले सम्पूर्ण शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 22 मार्च 2018 से 15 जून 2018 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
जारी आदेश में कहा है कि भिण्ड जिले में वर्ष 2017 में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण ग्रीष्म ऋतु में संपूर्ण जिले में जल संकट संभावित है। भू-जल स्तर में निरंतर गिरावट के कारण नलकूपों में पानी कम होता जा रहा है। जिले में अधिकांश स्थानों पर जगह-जगह बड़ी संख्या में व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा निजी नलकूप खनन किये जा रहे है। अनियंत्रित नलकूप खनन के कारण सार्वजनिक जल स्त्रोतों एवं नलकूपों से जल प्रदाय में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है तथा पेयजल की समस्या की स्थिति निर्मित हो रही है।
इसलिए कोई भी व्यक्ति कलेक्टर अथवा प्राधिकृत संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की लिखित अनुज्ञा के बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप खनन नहीं करेगा। साथ ही आदेश जारी होने के दिनांक से जल अभावग्रस्त क्षेत्र में म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 के समस्त अन्य प्रावधान लागू हो जायेंगे। इन प्रावधानों के उल्लंघन पर से दो वर्ष तक के कारावास या रूपये दो हजार तक के जुर्माने या दोनों से दण्डनीय होगा।
क्रमांक 101/2018
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