उपार्जन कार्य को और अधिक प्रभावी बनावेंः कलेक्टर कलेक्टर ने दिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश
*उपार्जन कार्य को और अधिक प्रभावी बनावेंः कलेक्टर
कलेक्टर ने दिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश
भिण्ड कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने उपार्जन कार्य में लगे हुये अधिकारियों से कहा है कि गेहूं, चना, मसूर, और सरसों की नियमित समीक्षा करें साथ ही उपार्जन कार्य को और अधिक प्रभावी बनावें। इस आशय के दिशा निर्देश उपार्जन कार्य में लगे अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीदी कार्य में जिन-जिन किसानों गेहूं, चना, मसूर, सरसों की फसल क्रय की है, उसका भुगतान समय पर किया जावे। अगर नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने की आवश्यकता को वहां नवीन उपार्जन केन्द्र प्रारम्भ किया जावे। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने कहा है कि उपार्जन कार्य की लगातार मानीटरिंग होनी चाहिए। उपार्जन के दौरान किसान हितैषी दृष्टिकोण अपनाया जावे।
किसानों को समय से एसएमएस मिले तथा खरीदी केन्द्र पर उपार्जन सुनिश्चित किया जाये। उपार्जन के बाद शीघ्र परिवहन किया जाये। यह भी सुनिश्चित किया जावे कि किसानों को खरीदी के तीसरे दिन भुगतान मिले। इस प्रकार की व्यवस्था विभागीय अधिकारी/कर्मचारी सुनिश्चित करें, अगर किसी कारण से एसएमएस से सूचना के बाद निर्धारित दिन पर किसान नहीं आ पाता है तो उन्हें दोबारा एसएमएस किया जाये। खरीदी, परिवहन और किसान को भुगतान की लगातार मानीटरिंग होनी चाहिए। खरीदी केन्द्रों पर पर्याप्त संसाधन और उपकरण की व्यवस्था को जारी रखा जावे। उन्होंने कहा कि बोरे के निर्धारित वजन के बराबर ही कटौती की जाये। उपार्जन केन्द्रों पर छाया और पीने के पानी की व्यवस्था जारी रखें। जिले में संचालित किये जा रहे उपार्जन केन्द्रों पर एसडीएम के अलावा प्रशासनिक अधिकारी की ड्यूटी लगायी जा चुकी है।
कलेक्टर ने कहा कि खरीदी कार्य के अन्तर्गत मण्डियों में आवश्यकतानुसार मजदूरी की दरें बढ़ायंी जा सकती हैं। जिन उपार्जन केन्द्रों पर नाफेड के सर्वेयर नहीं हो, वहाँ कृषि, खाद्य और सहकारिता की समिति बनाकर एफ.ए.क्यू गुणवत्ता का उपार्जन करें। खरीदी केन्द्रों पर कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को भी लगाया गया है, इसलिए अपने केन्द्र पर नियमित उपस्थित होकर खरीदी कार्य को सर्वाच्च प्राथमिकता दी जावे। इसी प्रकार उपार्जन खाद्यान्न परिवहन में देरी नहीं होनी चाहिए। आवश्यकतानुसार मण्डियों में विद्युत चलित ट्रेडिंग मशीनों का उपयोग किया जावे। उन्होंने कहा कि गेहूँ, चना, मसूर, सरसों को मण्डियों में बेचने वाले किसानों को भी मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इन किसानों का पंजीयन किया गया है।
कलेक्टर ने दिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश
भिण्ड कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने उपार्जन कार्य में लगे हुये अधिकारियों से कहा है कि गेहूं, चना, मसूर, और सरसों की नियमित समीक्षा करें साथ ही उपार्जन कार्य को और अधिक प्रभावी बनावें। इस आशय के दिशा निर्देश उपार्जन कार्य में लगे अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीदी कार्य में जिन-जिन किसानों गेहूं, चना, मसूर, सरसों की फसल क्रय की है, उसका भुगतान समय पर किया जावे। अगर नवीन उपार्जन केन्द्र खोलने की आवश्यकता को वहां नवीन उपार्जन केन्द्र प्रारम्भ किया जावे। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने कहा है कि उपार्जन कार्य की लगातार मानीटरिंग होनी चाहिए। उपार्जन के दौरान किसान हितैषी दृष्टिकोण अपनाया जावे।
किसानों को समय से एसएमएस मिले तथा खरीदी केन्द्र पर उपार्जन सुनिश्चित किया जाये। उपार्जन के बाद शीघ्र परिवहन किया जाये। यह भी सुनिश्चित किया जावे कि किसानों को खरीदी के तीसरे दिन भुगतान मिले। इस प्रकार की व्यवस्था विभागीय अधिकारी/कर्मचारी सुनिश्चित करें, अगर किसी कारण से एसएमएस से सूचना के बाद निर्धारित दिन पर किसान नहीं आ पाता है तो उन्हें दोबारा एसएमएस किया जाये। खरीदी, परिवहन और किसान को भुगतान की लगातार मानीटरिंग होनी चाहिए। खरीदी केन्द्रों पर पर्याप्त संसाधन और उपकरण की व्यवस्था को जारी रखा जावे। उन्होंने कहा कि बोरे के निर्धारित वजन के बराबर ही कटौती की जाये। उपार्जन केन्द्रों पर छाया और पीने के पानी की व्यवस्था जारी रखें। जिले में संचालित किये जा रहे उपार्जन केन्द्रों पर एसडीएम के अलावा प्रशासनिक अधिकारी की ड्यूटी लगायी जा चुकी है।
कलेक्टर ने कहा कि खरीदी कार्य के अन्तर्गत मण्डियों में आवश्यकतानुसार मजदूरी की दरें बढ़ायंी जा सकती हैं। जिन उपार्जन केन्द्रों पर नाफेड के सर्वेयर नहीं हो, वहाँ कृषि, खाद्य और सहकारिता की समिति बनाकर एफ.ए.क्यू गुणवत्ता का उपार्जन करें। खरीदी केन्द्रों पर कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों को भी लगाया गया है, इसलिए अपने केन्द्र पर नियमित उपस्थित होकर खरीदी कार्य को सर्वाच्च प्राथमिकता दी जावे। इसी प्रकार उपार्जन खाद्यान्न परिवहन में देरी नहीं होनी चाहिए। आवश्यकतानुसार मण्डियों में विद्युत चलित ट्रेडिंग मशीनों का उपयोग किया जावे। उन्होंने कहा कि गेहूँ, चना, मसूर, सरसों को मण्डियों में बेचने वाले किसानों को भी मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इन किसानों का पंजीयन किया गया है।
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